मंगलवार, 6 अगस्त 2019

जम्मू- कश्मीर और 370

लोकतंत्र की शक्ति

Pic- गूगल साभार

लोकतंत्र का स्वाभिमानी,
भारत देश महान है,
छोड़ दी जीत में मिली जमीन भी,
वाकिफ इससे सारा जहान है।

फिर भी न माने दुश्मन,
नोच लिया जिस टुकड़े को,
अभिन्न अंग है ये जिसका, 
वो प्यारा-सा हिंदुस्तान है।

लेकिन कुछ सियासी पिल्लों ने ,
मचाया संसद में घमासान है,
और फिर से अलग कर दिया उसे
 मस्तक है जिसका, वो हिंदुस्तान है।

मेरे देश में यह धरती की जन्नत कहलाता था,
स्वर्ग भी इसके सामने फीका पड़ जाता था,
केसर की क्यारी और देवों की नगरी था,
भारत के हर मानव -दिल का यह जिगरी था।

लेकिन उन पिल्लों को क्या पता था
 एक दिन ऐसा मोदी-शाह का तूफान जो आएगा,
बना के रखा था जिन्होंने स्वर्ग को जहन्नुम,
उनका अलग देश और संविधान का,
अटूट सपना भी चोपट कर जाएगा ।

कहता था जो सीना है छपन इंच का,
उसकी अग्नि परीक्षा का दिन आएगा,
और 370 में लिपटा हुआ कश्मीर भी,
अब भारत का अभिन्न अंग हो जाएगा।

लहराओ तिरंगा खुले दिल से अब,
भारत सारा एक है,
देख रहा है सयुंक्त राष्ट्र संघ भी,
भारत के लोकतंत्र की शक्ति को,
भले ही इसमे राज्य अनेक है।

आजाद हुआ भारत ,
आज सही मायने में,
खिला है केसर का फूल
और महक दिलों के आईने में,

कहता है ये आनन्द का विवेक है,
कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
अब भारत सारा एक है।।


जय भारत , जय माँ भारती, जय लोकतंत्र,

लेखन- आनन्द

सारांश- यह वास्तव में लोकतंत्र की असली जीत है, इसका जश्न अवश्य मनाये क्योंकि कश्मीर अब भारत का पूर्णतः अंग है, जो हमेशा भारत का था, और हमेशा भारत का ही मस्तक रहेगा।




8 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Bhut bdiya Bhai

कविया की क़लम ने कहा…

बहुत ही बढ़िया आनंदसा

आनन्द शेखावत ने कहा…

धन्यवाद कविया जी।

विश्वमोहन ने कहा…

वाह! बहुत सुंदर शब्दों में बांधा कश्मीर के भारत में पूर्ण विलय के उत्सव को! बधाई और आभार!!!

Sandeep ने कहा…

बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति, आनन्द भाई की

Sadhuram ने कहा…

Bahut bdiya

संजय भास्‍कर ने कहा…

अंतिम पन्तियाँ बहुत अच्छी लगी अच्छी रचना

आनन्द शेखावत ने कहा…

जी भास्कर जी बहुत बहुत आभार

लोकप्रिय पोस्ट

ग्यारवीं का इश्क़

Pic- fb ग्यारवीं के इश्क़ की क्या कहूँ,  लाजवाब था वो भी जमाना, इसके बादशाह थे हम लेकिन, रानी का दिल था शायद अनजाना। सुबह आते थे क्लासरूम में...

पिछले पोस्ट