गुरुवार, 28 जुलाई 2022
काळा कागला (काग देवता)
शनिवार, 23 जुलाई 2022
मन की हस्ती
मन की हस्ती
खुश हुँ मैं अब मेरी हस्ती मे,
गैरों से न कोई मतलब मेरा।
बहते बहते समय की धारा में,
यहां तक पहुँचा है कारवाँ मेरा।।
हर हाल में खुश रहता हूं क्योंकि
दूसरों के हालात, बखूबी समझता हूं।
करने वाले वादे ऊंचे-ऊंचे, कब के गुजर गए,
मेरी हस्ती जिंदा है क्यूकी आज में जीता मरता हूँ।।
कहने वाले लोग है कहाँ जो,
हर चीज को अपनी बतलाते थे।
जीते जी कर न सके वक्त को अपना,
जो बस आगे की डींगे हांका करतें थे।।
कल का फिक्र करे वो जो,
आज में मेहनत न करता हो।
करता भी आखिर क्या जब,
अनहोनी से जो डरता हो।।
भाग्य भरोसे बैठा न कभी,
शायद भाग्य खुद मेरे भरोसे रहता हो।
मिलता तो है सुकून उन्हे,
जो मेहनत मे भरोसा करतें हो।।
- आनंद "आशतीत"
रविवार, 17 जुलाई 2022
बेला बारिश की
बारिश की बेला
- आनन्द "आशातीत"
शुक्रवार, 8 जुलाई 2022
खण्डेला का इतिहास भाग-19
खण्डेला राज्य का बंटवारा और राजा केसरी सिंह
लोकप्रिय पोस्ट
ग्यारवीं का इश्क़
Pic- fb ग्यारवीं के इश्क़ की क्या कहूँ, लाजवाब था वो भी जमाना, इसके बादशाह थे हम लेकिन, रानी का दिल था शायद अनजाना। सुबह आते थे क्लासरूम में...
पिछले पोस्ट
-
यार पुराने ला दो तुम.. वही यार पुराने ला दो तुम, मैं कुछ कह लूंगा, कुछ सुन लूंगा।। सुनकर गलत भी अनसुना मैं कर दूंगा । बस यार पुराने ला दो ...
-
छात्र-जीवन की परीक्षा pic-google आओ सुनाता हूं तुम्हे हालात ए बेरोजगारी, किस्सा है उनका जो छात्र करते है कम्पीटिशन की ...
-
बचपन का जमाना Pic-facebook याद है मुझे वो बचपन का जमाना पूरे दिन खेलना और खिलाना , न फिक्र थी कुछ करने की बस सोचते थे सि...
-
आँखों के तारे {विशेष- ब्लॉग बुलेटिन सम्मान रत्न-2019 में नॉमिनेटेड} Pic- सूरत कोचिंग सेन्टर भवन ...
-
आरज़ू Pic-fb न जाने क्यों तुझसे इतना लगाव है, लगता है अब तू ही मेरी मंजिल है और तू ही बस आखिरी पड़ाव है, सीखना था जो सीख लिय...
-
राजस्थानी दोहे धमक धमक ढोल बाजे,अछि धमक नगारा की। आसे घर दुर्गो नही हुतो, सुन्नत होती सारा की।। जसवंत केयो जोय कोय घर रखवालो दुर्गड़ो। साची क...
-
यादें है साहब, यूँ ही नही मिटती वैष्णों देवी की यात्रा वाली थकान कहाँ है बिहारी जी का वो, किराये का मकान कहाँ है जन्मदिन का वो पहला केक कहाँ...
-
क्षत्रिय-धर्म Pic- कौमी एकता का परिचय देती एक तस्वीर (जिसमे महाराणा प्रताप व भील राजा पूंजा) (Pic- गूगल साभार) है वही क्षत्...
-
Pic- fb ग्यारवीं के इश्क़ की क्या कहूँ, लाजवाब था वो भी जमाना, इसके बादशाह थे हम लेकिन, रानी का दिल था शायद अनजाना। सुबह आते थे क्लासरूम में...