रविवार, 10 मई 2020

कोरोना -एक महामारी

भारतवर्ष से उज्जवल देश मे
आया एक विकट तूफान,
कर सके कोई कुछ भी,
सब चिकित्सक भी हैरान।

रहना था और सामना भी करना था,
लक्ष्य भी अटल,लोगों को बचाना था।
करो जतन करके जुगाड़ कुछ भी,
आखिर वतन को जो बचाना था।

रहता है धरती पर भी एक भगवान,
जिसकी लीला ऐसी निराली,
और प्रयास बड़ा अथक और अटल
खुद देख भगवान बजाए ताली।

सफाईकर्मी को भी अब तो गर्व था,
उनके उत्साह से लगता यह भी पर्व था।
गौरव ज्वाला में स्वयंसेवक दल, पुलिस का बडा सहायक था,
देख कोशिश भारत की, भारत बना विश्व मे महानायक था।

जनता से मेरी यही एक अंतिम गुहार है,
करो प्रयास ऐसा कि देश बचे, यही बड़ा उपकार है।
भागा है मानव हर बार, अर्थ कमाने को,
वक्त है अब केवल देश बचाने को।

-आनन्द

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