रविवार, 5 मई 2019

एक दोस्त

                        एक दोस्त

              ( प्रकाशित- काव्य प्रभा, सांझा काव्य संग्रह)




एक दोस्त जमाने में ऐसा था,
जो बेबाक मोहब्बत हमसे करता था ।
सुबह कहो या शाम कहो, 
हर वक्त याद हमे जो करता था ।

रोज सुबह जब आता कॉलेज,
साथ मे खुशियां लाता था ।
जाते जाते शाम तक घर को,
थोड़ा मायूस हमेशा हो जाता था ।
लेकिन अगली सुबह आने का
वादा जो कर जाता था ।। 
एक दोस्त जमाने में ऐसा था,
जो बेबाक मोहब्बत हमसे करता था। ।

समस्या चाहे कुछ भी हों  files से लेके practical तक की,
सब कामों में हाथ बटाता था ।
जब ना आऊँ मैं कॉलेज तो,
Proxy जरूर लगवाता था ।
एक दोस्त जमाने में ऐसा था,
जो हर हाल में साथ निभाता था ।।

अच्छी सलाह देना आदत थी उसकी,
लेकिन कभी- कभी गुस्सा भी हो जाता था ।
लाता था टिफिन रोज साथ मे लेकिन,
मेरी पसंद की वेज बिरयानी लाता था ।
एक दोस्त जमाने में ऐसा था,
जो हर पल खुश रहता था।।

एक दोस्त जमाने में ऐसा था ,
फूलों में गुलाबों जैसा था,
यादों में कल्पना जैसा था।।




                                        - आनन्द -




                                             





8 टिप्‍पणियां:

Sandeep ने कहा…

Mast

sunil gadwal ने कहा…

Dosto miss u

Subhash Choudhary ने कहा…

Bdiya

Unknown ने कहा…

Katil bhai

BHOMA RAM YADAV ने कहा…

Dosti ka kamaal

Jyoti Dehliwal ने कहा…

दोस्तों की याद ही रह जाती हैं। बहुत सुंदर।

Unknown ने कहा…

dost ko samarpit achi kavita hai..
sukhd college student life ko batati.
fully emotionally poem..
poet dost ke heart ke antasth gahrahiyo ko tk pahucha.
1bar phir usi students life me kho jate hai.
really good heart touching poem

Mak Choudhary ने कहा…

🌹🌹
*मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं*

🌸🙏 🙏🌸

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