रुठा हमसफर
Pic- गूगल साभार
यूँ न रूठा करो हमसे,
हमे तो मनाना भी नही आता।
यूँ न उलझा करो,
हमे सुलझाना भी नही आता।
एक तेरे प्यार की थपकी ,
से ही तो आया है ये गुरूर।
इस गुरूर को न तोड़ो,
फिर वापस बनाना भी हमे नही आता।
प्यार करते है तुम्हें बेशुमार,
हमे बताना नही आता।
जताते तो खूब है इस दुनियां में
अपने प्यार को,
कम्बखत हमे तो ,
ये जताना भी नही आता।
रूठा न करो तुम हमसे,
हमे तो मनाना भी नही आता ।
बात करते है तुमसे
ताकि हमे प्रेरणा मिल सके ,
आगे बढ़ते रहने की,
वरना हमे तो आपको इतनी रात को
सताना भी नही आता।
बैठकर सोचते है कभी कभी तो,
कि कह दे सब
दिल की बातें तुमसे,
दिल की बातें तुमसे,
लेकिन सामने आते ही आपके,
इन लफ्जों को आपसे टकराना ही नही आता।
इसीलिए कहते है हम तुमसे कि,
रूठा न करो तुम हमसे,
हमे तो मनाना भी नही आता।
न जाने क्यों गायब,
हो जाती है सारी बाते,
जब भी आपसे करना चाहते है गुफ्तगू
इन बातों का खेल भी तो देखो,
इन्हें भी आपसे रूबरू,
होना भी तो नही आता।
हुआ है आजकल कुछ ऐसा
की हर वक्त जुबां पर,
होता है नाम आपका,
भले हो कॉफी की गर्म भाप,
या हो भले ही किसी पुराने तरानों की धुन,
भले हो कॉफी की गर्म भाप,
या हो भले ही किसी पुराने तरानों की धुन,
ये प्यार ही तो है जानाँ,
बस यूँ समझ लो
इस प्यार को तो इम्तेहान देना भी नही आता।
बस यूँ समझ लो
इस प्यार को तो इम्तेहान देना भी नही आता।
रुठा न करो तुम हमसे,
हमें तो मनाना भी नही आता।
लेखन- आनन्द
अपील- सभी प्रेमी- प्रेमिकाओं से सादर निवेदन है कि हमेशा अपने साथी का सहयोग करें और एक प्यार-भरी जिन्दगी व्यतीत करें। तकरार हर किसी के बीच मे होती है, पर उसे वापस जोड़े और एक स्वस्थ जीवन का निर्वाह करें।
8 टिप्पणियां:
सुन्दर भाव किंतु शब्द चयन में और अधिक कौशल विकसित करने की ज़रूरत.
कम शब्दों में अधिकतम भावों का घनत्त्व रचना को अधिक प्रभावी बनाता ha.
सुन्दर भाव किंतु शब्द चयन में और अधिक कौशल विकसित करने की ज़रूरत.
कम शब्दों में अधिकतम भावों का घनत्त्व रचना को अधिक प्रभावी बनाता ha.
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 11 सितंबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना गुरुवार १२ सितंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सरल सहज अभिव्यक्ति।
बहुत ही सुन्दर अनुज
सादर
बहुत सुन्दर....
अतिसुंदर
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